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मंगलवार, 10 सितंबर 2019

माँ तेरे आंचल में मैंनेबचपन संभाला है

Hi

    माँ तेरे आंचल में मैंने
बचपन संभाला है
करूंगा नाम तेरा माँ
एक दिन सारे ज़माने में
ख़ुशी होगी तुझे भी माँ
यही गाथा सुनाने में
किया है नाम रौशन
लाल ने मेरा सारे ज़माने में
सही पीड़ा थी जितनी माँ
तूने मुझे धरती पर लाने में
मुझे सूखे में सुलाया
स्वयं गीले में सोई थी
रोते हुये जब भी मुझे देखा है मेरी माँ
तेरे आंचल में मैंने लेटे भी देखा है मेरी माँ
कि मुझसे ज्यादा तू भी तो रोई थी
बहे थे आँख से आंसू जो माँ के
उनको याद तुम कर लो
कभी न दिल दुखाना माँ बाप का ऐ दोस्तों
मिलेंगी दुआएं इतनी कि उनसे झोलियां भर लो |

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