पिता
क्या निभाया है हमने फर्ज अपने आप का,
क्या चुकाया है हमने कर्ज अपने बाप का,
सम्भाला जिसने हमको शौक सारे छोड़ के,
सपने पूरे किए मेरे खुद के सपने तोड़ के,
खातिर हमारी जिसने झेला दर्द संकटों के ताप का।
माँ हमें जन्म दिया बोलना सिखाया,
पिता ने हमें जीवन जंग में खुद को तोलना सिखाया,
मतलब सिखाया उसने हमको सेवा और श्राप का।
लेखक-
सर्वेन्द्र सिंह
9927099136
क्या निभाया है हमने फर्ज अपने आप का,
क्या चुकाया है हमने कर्ज अपने बाप का,
सम्भाला जिसने हमको शौक सारे छोड़ के,
सपने पूरे किए मेरे खुद के सपने तोड़ के,
खातिर हमारी जिसने झेला दर्द संकटों के ताप का।
माँ हमें जन्म दिया बोलना सिखाया,
पिता ने हमें जीवन जंग में खुद को तोलना सिखाया,
मतलब सिखाया उसने हमको सेवा और श्राप का।
लेखक-
सर्वेन्द्र सिंह
9927099136
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NICE
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