किस्मत कर्म की आदी है।
कर्म विन भाग्यहीन आवादी है।
जो रहते हैं नशीब के चक्कर में,
भैया होती उन्हीं की बर्बादी है।
लेखक -
सर्वेन्द्र सिहँ
+919927099136
Moradabad - U.P. - India
🇮🇳देश भक्ति गीत🇮🇳 👬एकता गीत👬 भूखों को तुम भोजन बाँटो, कपड़े बाँटो नंगों को। मेरा तिरँगा बोल रहा है, मत बाँटो मेरे रंगों को ।। 1 बाँट दिया तुमने मुझको, काटी दोनों भुजाएँ, सिर भी काट दिया मेरा, फैला-फैला अफवाहें,, प्यारा भारत बोल रहा है, मेरे मत बाँटो अंगों को।। 2 पैसे का पावर दिखा रहा, कोई कुर्सी की तानाशाही, नेतागर्दी के चक्कर में, भटक रहा हर हमराही,, भेदभाव की बन्दूक बनाके, करवाते हैं ये दंगों को ।।
1 टिप्पणी:
Lajabav
Maja aa gya ji
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