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शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018

सर्वेन्द्र सिहँ

किस्मत कर्म की आदी है।
कर्म विन भाग्यहीन आवादी है।
जो रहते हैं नशीब के चक्कर में,
भैया होती उन्हीं की बर्बादी है।
                   लेखक -
                       सर्वेन्द्र सिहँ
               +919927099136
Moradabad - U.P. - India

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